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Toggleअदभुत फायदे होते हैं आंवला, एलोवेरा, गिलोय, तुलसी और नीम जूस के संयोजन से
Amazing benifit of amla aloevera giloy tulsi and neem- यह एक संपूर्ण प्राकृतिक टॉनिक है। इसे नियमित रूप से लेने से न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होता है। हालांकि, इसे लेने से पहले सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है, इसके अलावा यदि आप पहले से ही किसी अन्य डाइट प्लान को फॉलो कर रहे हैं, तो इस जूस का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें। आइये इस मिश्रण का उपयोग करने के लिये इस पर चर्चा करते हैं –
विषय सामग्री -
1. इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
2. डायबिटीज के नियंत्रण में सहायक
3. त्वचा रोगों से बचाव
4. पाचन तंत्र में सुधार
5. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद
6. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत
7. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
8. सांस संबंधी रोगों से बचाव
9. बालों की समस्याओं से राहत
10. मलेरिया और डेंगू से सुरक्षा
सभी जूस को सही मात्रा में मिलायें -
आंवला, ऐलोवेेेेरा, गिलोय तुलसी और नीम। इन सभी के फायदों के बारे में लोगों को जानकारी तो रहती है परंतु इनको कितनी मात्रा में लेना चाहिये इसकी पर्याप्त जानकारी के अभाव में इनका उपयोग करने के बावजूद उनको पयाप्त लाभ नहीं होता। इन पांचों की मात्रा इस प्रकार लें ।
- ऐलोवेरा जूस: 2-3 चम्मच
- आंवला जूस: 1 चम्मच
- गिलोय जूस: 1 चम्मच
- तुलसी जूस: 5-6 पत्ते
- नीम जूस: 1 चम्मच
इस "प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर ” के 10 फायदों बारे में जानें -
Amazing benifit of amla aloevera giloy with tulsi and neem- ये सभी “प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर ” हैं, जो आपको सेहतमंद बनाये रखने में मददगार हैं।
1. इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
आंवले में अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है जो शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है, आंवले का ताजा जूस आप घर पर ही बना सकते हैं, अथवा पतंजली, डाबर जैसे ब्रांड का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐलोवेरा भी इम्यूनिटी बूस्टर का कार्य करता है, गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाने के कारण यह शरीर से टाक्सिन्स को बाहर निकाल कर खून को साफ करता है। यह मिश्रण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे सर्दी-ज़ुकाम, फ्लू और संक्रमण से बचाव होता है।
2. डायबिटीज के नियंत्रण में सहायक
नीम और गिलोय रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह दोनो ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं, इनका मिश्रण मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। नीम को अनेक बीमारियों की आयुर्वेदिक दवा के रूप में जाना जाता है इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड शरीर में एंटी डायबिटिक प्रभाव डालते हैं। नीम के पत्तियों या अर्क के सेवन से डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं को कम करने के साथ रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
3. त्वचा रोगों से बचाव
नीम और एलोवेरा त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे एक्ने, फंगल इंफेक्शन और सोरायसिस को कम करते हैं। यह मिश्रण त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाता है। ऐलोवेरा में खनिज, एंजाइम, विटामिन, लिग्निन और सैलिसिलिक एसिड जैसे उपयोगी पोषक तत्व पाये जाते हैं, इसके साथ ही ऐलोवेरा विटामिन ए, सी, ई और एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है जो त्वचा को कांतिमय बनाने में सहायक होता है। नीम में विटामिन सी, कैरोटीन, प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आदि पाया जाता है। नीम एवं ऐलोवेरा दोनो में ग्लोइंग स्किन के लिये आवश्यक अमीनो ऐसिड पाया जाता है।
4. पाचन तंत्र में सुधार
तुलसी और आंवला पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। यह एसिडिटी, कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं को दूर करता है। तुलसी के पत्तों में अनेक प्रकार के विटामिन् और मिनरल्स पाये जाते हैं। प्रतिदिन सुबह 4-5 पत्ते तुलसी के चबाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। तुलसी में पाये जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर पेट को साफ करते हैं। तुलसी के रस की कुछ बूंदों को आंवले के जूस में मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसका सेवन किया जा सकता है।
- आंवले का जूस कब्ज से राहत देता है। आंवला में उच्च मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है जो रक्त में आयरन ककी कमीं को दूर करने में सहायक होता है। आंवले का जूस मूत्राशय की पथरी को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मददगार होता है। इसके अलावा गठिया, पीलिया और बवासीर जैसी समस्याओं में भी आंवले का जूस फायदेमंद होता है।
5. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद
प्रदूषित हवा से लेकर हमारे द्वारा खाये जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों तक हमारा शरीर लगातार विषाक्त पदार्थों के संपर्क में रहता है। यदि ये विषाक्त पदार्थ समय के साथ हमारे शरीर में एकत्रित हो जाते हैं तो यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इन हानिकारक पदार्थों को खत्म करने में ऐलोवेरा और नीम का जूस सहायक हो सकता है।
- एलोवेरा और नीम शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं, जिससे लीवर और किडनी स्वस्थ रहते हैं। ऐलोवेरा जूस में प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने से यह कोलन को साफ कर डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से, गिलोय, एलोवेरा और आंवला का संयोजन शरीर की रक्षा प्रणाली को सशक्त बनाता है। इस संबंध में स्वामी रामदेव द्वारा बताए गए अद्भुत लाभ नीचे दिए गए वीडियो में विस्तार से देखें:
6. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत
गिलोय और तुलसी, जोड़ों के दर्द और सूजन में फायदेमंद हो सकते हैं। आयुर्वेद में गिलोय का उपयोग गठिया जैसी सूजन संबंधित इलाज के लिये किया जाता है, गिलोय का सेवन जोड़ों के दर्द में आराम देता है। गिलोय और तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करते हैं।
7. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
आंवला का सेवन किसी भी रूप में किया जाये, चाहे आंवले का जूस हो, आंवला पावडर अथवा आंवलें की सब्जी इसका नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाये रखने में मदद मिलती है, जिससे ह्रदय की नसों पर कम दबाव पड़ता है इसके साथ ही आंवला कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
8. सांस संबंधी रोगों से बचाव
तुलसी, गिलोय और नीम कई आयुर्वेदिक दवाओं का हिस्सा हैं इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण श्वास संबंधी रोगों में आराम मिलता है। गिलोय में कापर, कैल्शियम, गिलोइन, ऐसिड, आयरन, फास्फोरस और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं। इनका संयोजन अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस जैसी सांस संबंधी बीमारियों को कम करने में मदद करता है।
9. बालों की समस्याओं से राहत
आंवला और नीम बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और बाल झड़ने, डैंड्रफ जैसी समस्याओं से बचाते हैं, इसके साथ ही स्कैल्प को संतुलित रखते हैं। नीम के पत्तों से बालों में जमा गंदगी दूर होती है और बाल संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं। आयुर्वेद में, नीम और आंवला को बालों के स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभकारी माना जाता है
10. मलेरिया और डेंगू से सुरक्षा
गिलोय और नीम में ऐसे गुण होते हैं, जो मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से शरीर को बचाते हैं। नीम की पत्तियां एक व्यक्ति में वायरस के प्रभाव को कम करके डेंगू वायरस टाइप 2 के खिलाफ प्रभावी होती हैं। आयुर्वेद में गिलोय का वर्णन चमत्कारी औषधी के रूप में किया गया है और इसे अमृता के नाम से भी जाना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘जीवन का अमृत’।
निष्कर्ष
Amazing benifit of amla aloevera giloy tulsi and neem- इनका मिश्रण एक संपूर्ण प्राकृतिक टॉनिक है। इसे नियमित रूप से लेने से न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होता है। हालांकि, इसे लेने से पहले सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है और किसी गंभीर बीमारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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Frequently Askes Question
1- ऐलोवेरा, आंवला, गिलोय, तुलसी, नीम जूस कितनी कितनी मात्रा में मिलाना चाहिये?
- ऐलोवेरा, आंवला, गिलोय, तुलसी, नीम जूस की मात्रा:
- ऐलोवेरा जूस: 2-3 चम्मच
- आंवला जूस: 1 चम्मच
- गिलोय जूस: 1 चम्मच
- तुलसी जूस: 5-6 पत्ते
- नीम जूस: 1 चम्मच
2- क्या- इन जूस को खाली पेट ही पीना चाहिये?
- हां, इन जूस को खाली पेट पीने से ज्यादा लाभ मिल सकता है, क्योंकि पेट में इनका अवशोषण बेहतर होता है और यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
3- इनकी ज्यादा मात्रा लेने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
इन जूसों की अधिक मात्रा से पेट में जलन, उल्टी, दस्त, या लिवर और किडनी पर दबाव पड़ सकता है। नीम जूस विशेष रूप से ज्यादा मात्रा में लेने से नुकसान पहुंचा सकता है। हमेशा संयमित मात्रा में ही इनका सेवन करें।
4. क्या आंवला, एलोवेरा, गिलोय, तुलसी और नीम जूस को एक साथ पीना सुरक्षित है?
हाँ, यह संयोजन प्राकृतिक और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यदि आपको किसी विशेष जड़ी-बूटी से एलर्जी है या आप किसी गंभीर बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर है।
5. क्या यह जूस डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद है?
गिलोय और नीम ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करते हैं और आंवला ब्लड प्रेशर बैलेंस करता है। लेकिन ऐसे मरीजों को नियमित सेवन से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।